‘बीजेपी नें आम लोगोंं को ख़िलौना दे के बहलाया हैं’

राज्यसभा से :

माननीय राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देने मैं खडा हूँ। सत्ताधारी पार्टी कि ओर से भूपेंद्र यादव और सुधांशू त्रिवेदीजी ने बोला। त्रिवेदी ने कहा कि हमारी सरकार की सबसे बड़ी बात यह है की हम जो कहते हैं उसे

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‘नरेंद्र मोदी, क्या आपको दिल्ली दंगों के बाद नींद आती हैं?’

ल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादूल मुस्लिमीन (AIMIM) का 62 स्थापना दिवस 1 मार्च को मनाया गया। इस मौके पर हैदराबाद स्थित पार्टी मुख्यालय ‘दारुस्सलाम’ में प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asduddin Owaisi) का अध्यक्षीय भाषण हुआ। जिसमें उन्होंने दिल्ली के दंगों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से …

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रौलेट एक्ट के विरोध से स्थापित हुई थी हिंदू-मुसलमानोंं की एकदिली

ज से ठिक 100 साल पहले सन 1919 के मार्च महिने में महात्मा गांधी द्वारा रौलेक्ट एक्ट का विरोध किया था। इस कानून से ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार प्राप्त हुआ था कि, किसी भी भारतीय नागरिक को बिना किसी अदालती मुकदमे के सालों

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Sharad Pawar FB

गांधीजी ने सौ साल पहले किया था CAA जैसे काले कानून का विरोध

सौ साल पहले सन 1919 के मार्च महिने में महात्मा गांधी द्वारा रौलेक्ट एक्ट का विरोध शुरू हुआ। जिस तरह आज CAAऔर प्रस्तावित NRC तथा NPR का विरोध किया जा रहा हैं। कहा जा रहा हैं कि महात्मा गांधी के इसी आंदोलन कि प्रेरणा

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जब रेप कांड के आरोपी को बचाने के लिए निकला मोर्चा

तिहास में भारत अद्भूत घटनाओ को लेकर जाना जाता हैं। बादशाहीयत के साथ हैवानियत में भी भारत इतिहास के पन्नो दर्ज हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर तो कई काले दाग भारतीय जनता के मुँह पर दिमक की तरह चिमटे हैं।

कठुआ’ और 

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औरंगजेब दक्षिण में तीन दशक तक मराठो सें लोहा लेता रहा

रंगजेब कि जिंदगी का एक बडा अरसा दकन में गुजरा। शिवाजी महाराज के निधन के बाद राजा संभाजी तख्तनशीन हुए। संभाजी ने मुगल सत्ता को चुनौती दी थी।

औरंगजेब के बागी शहजादा अकबर को पनाह देना, इसकी मदद करके औरंगजेब के खिलाफ लडाई करने

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इब्न बतूता : 75 हजार मील सफर करनेवाला अरब प्रवासी

ब्ने बतूता हा पुरा नाम अबू अब्दुल्लाह मुहंमद इब्न मुहंमद इब्न अब्दुल्लाह इब्न बतूताथा। जो इतिहास में इब्न बतूता के नाम से जाना जाता है। वह उत्तरी आफ्रिका के मोरोक्को प्रदेश तानजीरका निवासी था।

बतूता चौदहवी शताब्दी का

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National Gandhi Museum

गांधीजी के निधन पर नेहरू ने कहा था ‘प्रकाश बुझ गया’

हात्तर साल पहले गांधीजी के निधन से देशभर मे शोक कि लहर पैदा हुई थी। इस दुखद घटना ने भारत ही नही बल्कि समूचे विश्व में शोक औऱ सन्नाटा छा गया था। बापू के अंत्य दर्शन के लिए अफगाणिस्तान, अल्जेरिया, अर्जेटिना, बेल्जियम, ब्रिटन, जपान,

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बादशाह खान मानते थें विपत्तियो में इन्सान बहुत कुछ सीखता है

बादशाह खान उत्तरी-पूर्व सीमा प्रान्त अब का खैबर पख्तुनख्वा में  6 फरवरी 1890 में जन्मे। उस समय यह भाग पंजाब प्रांत का हिस्सा था। खान साहब को सीमान्त गांधी के नाम से भी जाना जाता हैं। जिन्होंने भारत के विभाजन का हमेशा से ही

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ज्योतिष शास्त्र के विद्वान थें सूफी संत मुंतोजी खलजी

ई मुस्लिम संत कवियों ने मध्यकाल के मराठी साहित्य में अपना महत्त्वपूर्ण सहय़ोग दिया है। इस बारे में मैंने अपने मुसलमान (सूफी) संतों का मराठी साहित्य इस ग्रंथ में विस्तार से चर्चा की है। इस ग्रंथ के संशोधन प्रकल्प के लिए साहित्य

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