‘नरेंद्र मोदी, क्या आपको दिल्ली दंगों के बाद नींद आती हैं?’

ल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादूल मुस्लिमीन (AIMIM) का 62 स्थापना दिवस 1 मार्च को मनाया गया। इस मौके पर हैदराबाद स्थित पार्टी मुख्यालय ‘दारुस्सलाम’ में प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asduddin Owaisi) का अध्यक्षीय भाषण हुआ। जिसमें उन्होंने दिल्ली के दंगों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल किए। मोदी के चुप्पी पर उन्होंने जमकर हमला बोला। डेक्कन क्वेस्ट कि ओर से हम उनकी यह तकरीर तीन भागो में दे रहे हैं। पेश हैं आज उसका पहला भाग..

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम पूछना चाहते हैं दिल्ली में इतना बड़ा फसाद हुआ आपने उसपर अब तक अपनी जबान क्यों नहीं खोली? मोहतरम वजीर ए आजम साहब उत्तर प्रदेश में आपने कल (9 मार्च) 22 तकरीरे की हैं। उसमें आपका जो पसंदीदा डायलॉग हैं सबका साथ, सबका विकास की आपने बात की।

मगर आप नें दिल्ली के बारे में कोई बात नहीं की। जहां दंगे हुए वह इलाका आपके घर से ज्यादा दूर के फासले पर नहीं बल्कि बहुत नजदीक हैं। आधा घंटा या 20 मिनट के दूरी पर वह इलाका ​​हैं। जिसमें अब तक 42 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 80 से ज्यादा लोगों को गोली लगी हैं। क्या आप जानते भी हैं वहां करोड़ों रुपयों की जायदादों को जलाया गया उनका नुकसान किया गया!

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क्या आप जानते भी हैं कि, एक आईबी का ऑफिसर हैं, जिसका नाम अंकित वर्मा है। उसको बेदर्दी से मार दिया गया। उसके जिस्म पर चाकुओं के कई वार है, उसे मार-मार के ड्रेनेज में फेंक दिया गया।

मुझे बताया गया है कि जब आप सुबह उठते हैं और दिन का आगाज करते हैं तब आप के सामने भारत के जितने भी विपक्ष के नेता है उनकी न्यूज़ पेश की जाती है और आप अपने आईपैड पर उसका मुताअला करते हैं। मुझे यकीन है कि आपने वह 4 बच्चों का वीडियो जरूर देखा होंगा। जिसमें पुलिस मुस्लिम बच्चों को लिटा कर मारने के बाद उनसे कह रही है जन गण मन पढ़ो। एक बच्चा तकलीफ से लेटे लेटे जन गण मन पढ रहा हैं।

क्या आप जानते हैं कि नीली टी शर्ट पहना हुआ उसमें एक लड़का था जिसका नाम फैजान था। उसकी उम्र केवल 23 साल थी, जो पुलिस के लाठी और गोली का शिकार होने के बावजूद भी पुलिस के जुल्म और धमकी की वजह से जन गण मन पढ़ रहा था। प्रधानमंत्री क्या आपको मालूम है कि उस फैजान की मौत हो गई हैं।

फैजान की मां ने क्या कहा वह भी सुनिए। उसने कहा, जब फैजान की लाश को घर लाया गया तब उसके खोपड़ी से खून बह रहा था। उसका जबड़ा टूटा हुआ था। शायद प्रधानमंत्री आप को पता नही होंगा इसलिए मैं बता रहा हूँ। यह बात इसलिए कह रहा हूँ कि हम दीवानों की आवाज आप तक पहुंच जाए।

प्रधानमंत्री क्या आप जानते हैं एक 50 साल की महिला थी, जिसका नाम अकबरी बेगम था। वह अपने ही घर में जलकर मर गई। वह एक बुढी महिला थी, आप ने तो मुस्लिम महिलाओं का भाई होने का दावा किया था। अकबरी बेगम एक बुजुर्ग महिला थी जो अपने ही घर में जल गई। उसके परिवार वाले डर के मारे घर के छत पर चले गए थें। उनका वीडियो बीबीसी ने जारी किया है। प्रधानमंत्री एक दफा आप उसे देख लीजिए।

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उन लोगों को बाजू के एक घऱ के छत के सिढियों से उतारा गया तब डर, वहशत और जल्दबाजी में वो लोग भूल गए कि उस घर में एक बुढी दादी भी हैं, जो हमारी मां भी है। बाद में मालूम हुआ कि अकबरी बेगम आग में जलकर खत्म हो गई। प्रधानमंत्री क्या आप जानते हैं आलोक तिवारी नामक एक 24 साल का बच्चा भी मर गया है। क्या आप को पता हैं दिनेश कुमार 35 साल का ड्राइवर है, उसे भी मार दिया गया है।

क्या आप जानते हैं वीरभान नामी एक शहरी के सर पर गोली मारी गई! 26 साल का जाकिर नामक एक बच्चा है उसके सर पर भी गोली मारी गई। सिविल इंजीनियरिंग कि पढाई करने वाला राहुल सोलंकी नाम का एक 26 साल का बच्चा है उसको मार दिया गया। दीपक कुमार को गोली मार दी गई। क्या आप जानते हैं कि राहुल ठाकुर 23 साल का था वह भी मार दिया गया।

सुलेमान जो लोहारा था वेल्डिंग का काम करता था उसे भी मार दिया गया। उसकी दुकान जला दी गई। मुहंमद शादाब 22 साल का था वह वेल्डर था, उसको मार दिया गया। रतनलाल पुलिस कांस्टेबल थे उनको मार दिया गया। अनवर 58 साल के बुजुर्ग थें उनको जिंदा जला दिया गया। अमीन एक 17 साल का बच्चा उसको मार दिया गया। 

प्रधानमंत्री क्या आप जानते हैं मुदस्सिर खान का एक ऑटो ड्राइवर था। उसे खत्म कर दिया गया। प्रधानमंत्री क्या आप जानते हैं कि आमिर और हाशिम दो भाई थे। आमिर की उम्र 30 साल हाशिम की उम्र 17 साल; दोनों को खत्म कर दिया गया।

प्रधानमंत्री क्या आपने सुना हैं कि एक घर में दो भाइयों का जनाजा एक साथ लाया गया। एक तरफ से हाशिम का सर दूसरी तरफ 17 साल के आमिर का सर; उन दोनो का जनाजा उठाया गया। क्या आप जानते हैं मुशर्रफ को गोली मार के एक ड्रेनेज में फेंक दिया गया। मुहन्नीस को मार दिया गया।

प्रधानमंत्री आपने वह तस्वीर देखी होंगी जिसमें मुदस्सिर खान का बेटा जो अपने बाप के लाश के बाजू खड़े होकर रो रहा हैं। जब से मैंने मुदस्सिर के बेटे और अंकित की मां का इंटरव्यू सुना तब से मुझे अब तक रातों को नींद नहीं आई।

प्रधानमंत्री आप को नींद आती होंगी तो हमें भी बताईए कि सोना कैसे हैं? आप बताओ कि हम कैसे सोए? हम कैसे सुकून पाए? मुदस्सिर के बेटे कि अपने बाप के लाश के सामने खडे होकर रोते हुई तस्वीर देखकर मुझे अपनी औलाद कि याद दिलाती हैं।

अंकित की मां का वह इंटरव्यू में कहना मेरा बेटा काम को जाकर फोन करता था कि मां तूने दवा ली है या नहीं। वह अपनी मां से इतनी मोहब्बत करता था, अपनी मां से पुछता था, बता मां पिताजी को पैसे दूँ या नही दूँ। प्रधानमंत्री क्या आप जानते है एक बीएसएफ का ऑफिसर था। जिसने 3 साल जम्मू में देश की खिदमत की है। जम्मू में वह पाकिस्तान से आए दहशतगर्दों का मुकाबला करता था।

उसका नाम मोहम्मद अनीस। उसके घर पर लिखा हुआ था मैं बीएसएफ का कॉन्स्टेबल हूं। जालिमों ने मोहम्मद अनीस के घर में घुसकर उसे जला दिया। प्रधानमंत्री क्या आप जानते हैं, उसके घरवालों ने कहा कि हम इंस्टॉलमेंट में ज्वेलरी खरीदते थें ताकि अनीस औऱ उसके बहन की शादी कराएंगे। उनकी 5 लाख ज्वेलरी और 10 लाख कि रकम जल गई।

प्रधानमंत्री शायद आपको मालूम नही हैं आप के जानकारी के लिए कह रहा हूं कि दिल्ली के दंगों पर अब तक आप ने कुछ नहीं कहा। हम तो उम्मीद कर रहे हैं कि आप भारत के वजीरे आजम है। आपकी संवैधानिक और नीतिगत जिम्मेदारी है कि आप कुछ तो जरूर बोलेंगे! क्योंकि मरने वाले भारत के हैं वह कोई दूसरे मुल्क के शहरी नहीं हैं। जिसमें हिंदू भी है और मुसलमान भी है। कुछ तो बोलो प्रधानमंत्री? खामोशी को तोड़ो प्रधानमंत्री! मैं आपको दावत दे रहा हूं।

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आप जानते हैं कि राम कुमार पासवान का 15 साल का बेटा नितिन, जो कक्षा 9 में पढ़ता था, उसे दंगाईयों ने मार दिया गया। प्रधानमंत्री क्या आप हिम्मत करके शिव विहार को जा सकते हैं? हम भारत के वजीरे आजम हैं यह बिनती कर रहे हैं कि शिव विहार जा कर देखिए वहां क्या हो रहा है?

क्या आपको मालूम के इन फसादात में जो मुसलमान मिक्स लोकेलिटी में रहते थे वे अपना घर बार छोड़कर चले गए। क्या आप उन्हें वापस लाकर उस मोहल्ले में रखोंगे? क्या प्रधानमंत्री आप यह काम करेंगे? क्योंकि दिल्ली का लॉ एंड ऑर्डर केंद्रीय सरकार के पास गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के पास हैं।

प्रधानमंत्री हम आपसे पूछ रहे हैं और हमको आप से पूछने का पूरा हक है। अगर यह हेट स्पीच है तो भाड़ में जाए। मुझे उसकी फिक्र नहीं है। क्योंकि जब तक मैं जिंदा रहूंगा हक को बयान करता रहूंगा।

मेरी जबान उसी वक्त खत्म होंगी जब मेरी आंख बंद हो जायेंगी। आंख बंद होने से पहले इन्शाल्ला हम ऐसे ऐसे हमारी जमात के जिम्मेदारों को तैयार करेंगे के कि मुझसे ज्यादा अच्छा बोलेंगे। हमारी जमात के बेटे भी बोलेंगे, बेटियां भी बोलेंगी, बच्चे भी बोलेंगे और महिला भी बोलेंगी। मगर प्रधानमंत्री कुछ बोलते ही नहीं है।

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