औरंगज़ेब को इतिहास में मूर्तिभंजक क्यों लिखा जाता हैं?

रंगज़ेब द्वारा बनारस के प्रसिद्ध शिश्वनाथ मंदिर के ध्वंस की काफी चर्चा होती है। यह मंदिर अकबर के नौरत्नों में शामिल टोडरमल द्वारा बनवाए गया था। अक्सर इस घटना को औरंगज़ेब की धार्मिक घृणा के परिणाम के रूप में देखा जाता है। इतिहासकार डॉ.

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जब दारा शिकोह ने रची औरंगज़ेब के हत्या की साजिश !

तिहासकारों ने महमूद ग़ज़नवी के बाद सबसे अधिक पक्षपात मुग़ल शहंशाह औरंगज़ेब के साथ किया जिनका इस देश पर 50 साल का मज़बूत और एकछत्र शासन था। उन्होंने ही एक राष्ट्र के रूप में भारत की सीमा का सर्वाधिक विस्तार अफगानिस्तान से लेकर वर्मा
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दारा शिकोह इतिहास में दु:खद रूप में क्यों हैं चित्रित?

ब शहज़ादा दारा शिकोह सिर्फ सात साल के थे, तब उनके पिता शहज़ादा खुर्रम ने अपने दो बड़े भाइयों के होते हुए भी साम्राज्य का दावा करने के लिए सम्राट जहाँगीर के खिलाफ विद्रोह कर दिया। विद्रोह के सफल होने के अवसर बहुत

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शाहजहाँ ने अपने बाप से क्यों की थी बगावत?

शाहजहाँ का उदय नूरजहाँ की हिमायत के वजह से नही बल्कि उसकी काबिलियत और कारनामों के वजह से हुआ था। शाहजहाँ की अपनी महत्वाकांक्षाएं थी जिनसे जहाँगीर बेखबर नही था।

उन दिनों कोई शासक ये जोखिम नही उठाता था कि कोई अमीर या राजकुमार

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मुग़ल सत्ता हथियाने वाले सैय्यद भाईयों का नामोनिशान कैसे मिटा?

सैय्यद अब्दुल्ला (Syed Abdullah Khan) दिल्ली के लोगों के मध्य अपने सौम्य और अच्छे व्यवहार के लिए लोकप्रिय था। वह निर्धनों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहता था, इसलिए उसे जनता बहुत चाहती थी। वह विद्वान लोगों को संरक्षण देने

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जहाँदार शाह और उसकी माशूका के अजीब किस्से

पने बादशाहों की बर्बरता, अतार्किकता और प्रेम की अजीबोगरीब कहानियां सुनी होंगी, लेकिन औरंगज़ेब के पौत्र मुग़ल सम्राट जहांदार शाह (Jahandar Shah) की करतूतों के बारे में नहीं पता होगा। अपने भाइयों का कत्ल कर जहाँदार शाह 29 मार्च 1712 को

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मुग़ल सत्ता को काबू करने वाले सैय्यद हुसैन का खौफनाक अंत

दुहाई सरकार, दुहाई…!!”

दिल दहलाने वाली आवाजों के साथ मीर हैदर बेग अमीर-उल-उमरा सैय्यद हुसैन अली (Syyed Brothers) की पालकी की ओर रोता-बिलखता चला आ रहा था।

यह वह समय था, जब अमीर-उल-उमरा फतेहपुर सीकरी के पास पड़ाव में रुके

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मुहंमद शाह को बादशाहत देकर सैय्यद भाइयों नें क्या खोया?

मुल्क का मुग़ल बादशाह रफीउद्दौला यानी शाहजहाँ द्वितीय गंभीर रूप से बीमार था। उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी तो सैय्यद बंधुओं (Sayyid brothers) को सत्ता अपने हाथ से निकल जाने की आशंका सताने लगी। बहुत सोच-विचार कर सैय्यद अब्दुल्ला ख़ान

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क्या आपने मुग़ल बादशाह ‘रफी उद दरजात’ का नाम सुना है?

कोई सोच भी नहीं सकता था कि तैमूर के वंशज बादशाह बाबर, हुमायूं, अकबर, शाहजहाँ और औरंगजेब के बाद मुगलों के वंश का इतना बुरा समय आएगा। तब योग्य शहंशाहों और शहज़ादों का इस कदर किल्लत पड़ गई कि कोई इस

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क्यों हुई मुग़ल बादशाह फ़र्रुखसियर की दर्दनाक हत्या?

किंगमेकर सैय्यद भाइयों और बादशाह मुहंमद फर्रुखसियर (Farrukhsiyar) के संबंध इतने खराब हो चुके थे कि उसका हटाया जाना तय हो गया थामाहौल खिलाफ देखते हुए बादशाह फर्रूखसियर ने सैय्यद भाइयों (Sayyid brothers) की तमाम शर्तें भी मंजूर कर लीं थी। जयसिंह

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