जब सम्राट जहाँगीर ने अबुल फ़ज़ल की हत्या कर दी?

कबर अपने सहयोगी अबुल फजल पर कितना भरोसा करते थे, यह किसी से छिपा नहीं है। आखिर वह उनका सलाहकार, जीवनीकार भी था। उन्होंने अकबर के दक्षिण अभियान का नेतृत्व किया। वह तुर्की, फारसी, संस्कृत, अरबी और हिन्दी के विद्वान थे।

अबुल फजल ने …

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आगरा किला कैसे बना दिल्ली सुलतानों की राजधानी?

हजादे सलीम यानी जहाँगीर बादशाह अपने अन्य वंशजों से थोड़ा अलग था। उसने पिता सम्राट अकबर से राज संभाला था। सन 1605 में अकबर के देहांत के बाद जहांगीर ने मुग़ल सल्तनत संभाली। 22 साल के शासनकाल में जहांगीर ने जो नाम कमाया वह

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मुग़ल सत्ता हथियाने वाले सैय्यद भाईयों का नामोनिशान कैसे मिटा?

सैय्यद अब्दुल्ला (Syed Abdullah Khan) दिल्ली के लोगों के मध्य अपने सौम्य और अच्छे व्यवहार के लिए लोकप्रिय था। वह निर्धनों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहता था, इसलिए उसे जनता बहुत चाहती थी। वह विद्वान लोगों को संरक्षण देने

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तवायफ से मलिका बनी ‘बेगम समरू’ कहानी

भारत, जहां अधिकतर इतिहास लोक में ही ज़िन्दा है, वहाँ अनाम वीरों को खोजना और उनका अधिकृत इतिहास लिखना बहुत मुश्किल काम है। उनके लिए फिर वे लेखक आगे आते हैं, जो इतिहासकार नहीं हैं, लेकिन उनकी अपनी संवेदना उन्हें

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जहाँदार शाह और उसकी माशूका के अजीब किस्से

पने बादशाहों की बर्बरता, अतार्किकता और प्रेम की अजीबोगरीब कहानियां सुनी होंगी, लेकिन औरंगज़ेब के पौत्र मुग़ल सम्राट जहांदार शाह (Jahandar Shah) की करतूतों के बारे में नहीं पता होगा। अपने भाइयों का कत्ल कर जहाँदार शाह 29 मार्च 1712 को

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मुग़ल सत्ता को काबू करने वाले सैय्यद हुसैन का खौफनाक अंत

दुहाई सरकार, दुहाई…!!”

दिल दहलाने वाली आवाजों के साथ मीर हैदर बेग अमीर-उल-उमरा सैय्यद हुसैन अली (Syyed Brothers) की पालकी की ओर रोता-बिलखता चला आ रहा था।

यह वह समय था, जब अमीर-उल-उमरा फतेहपुर सीकरी के पास पड़ाव में रुके

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मुहंमद शाह को बादशाहत देकर सैय्यद भाइयों नें क्या खोया?

मुल्क का मुग़ल बादशाह रफीउद्दौला यानी शाहजहाँ द्वितीय गंभीर रूप से बीमार था। उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी तो सैय्यद बंधुओं (Sayyid brothers) को सत्ता अपने हाथ से निकल जाने की आशंका सताने लगी। बहुत सोच-विचार कर सैय्यद अब्दुल्ला ख़ान

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क्या आपने मुग़ल बादशाह ‘रफी उद दरजात’ का नाम सुना है?

कोई सोच भी नहीं सकता था कि तैमूर के वंशज बादशाह बाबर, हुमायूं, अकबर, शाहजहाँ और औरंगजेब के बाद मुगलों के वंश का इतना बुरा समय आएगा। तब योग्य शहंशाहों और शहज़ादों का इस कदर किल्लत पड़ गई कि कोई इस

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क्यों हुई मुग़ल बादशाह फ़र्रुखसियर की दर्दनाक हत्या?

किंगमेकर सैय्यद भाइयों और बादशाह मुहंमद फर्रुखसियर (Farrukhsiyar) के संबंध इतने खराब हो चुके थे कि उसका हटाया जाना तय हो गया थामाहौल खिलाफ देखते हुए बादशाह फर्रूखसियर ने सैय्यद भाइयों (Sayyid brothers) की तमाम शर्तें भी मंजूर कर लीं थी। जयसिंह

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अय्याशी ले उड़ा ग्यारह महीनों का जहाँदार शाह का शासन

रवरी सन 1713 इसवीं को फर्रुखसियर ने दिल्ली का सिंहासन संभाला। वहाँ सबसे पहले जहाँदार शाह की खोज हुई, ताकि बादशाह उससे अपने सारे बदले चुका सके। दरअसल जहाँदार शाह परास्त होकर किसी तरह से गिरता-पड़ता बेगम लालकुँवर के साथ आसफुद्दौला असद खान

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