बाबरी के बाद ‘राम के नाम’ इस रेकॉर्ड का क्या होंगा?

लालकृष्ण आडवाणी ने जो पहली रथयात्रा निकाली उसके मार्ग की शुटिंग करना हमारी लघु फिल्म ‘राम के नाम’ का एक कार्य था। यात्रा के लिए वातानुकूलित टोयोटा ट्रक को बॉलीवुड सेट-डिज़ाइनर द्वारा श्रीराम-रथ में परिवर्तित किया गया था।

पूरे भारत का दौरा करने वाली

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टिपू सुलतान रोज नाश्ते पहले मंदिर क्यों जाता था?

मैं कुछ ऐसे उदाहरण पेश करता हू, जिनसे यह स्पष्ट हो जाएगा कि ऐतिहासिक तथ्यों को कैसे विकृत किया जाता हैं। जब मैं इलाहाबाद में 1928 ईसवीं में टिपू सुलतान के संबंध मे रिसर्च कर रहा था, तो अग्लों-बंगाली कॉलेज के छात्र-संगठन के कुछ पदाधिकारी …

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प्रधानमंत्री ऐलान करेंगे उठ जीडीपी, उठ जीडीपी!

कोविड-19 के महामारी को लेकर निचले सदन लोकसभा में 20 सितम्बर 2020 को तिखी बहस हुई। जिसमें विपक्ष ने सरकार पर महामारी से निपटने के लिए अकार्यक्षमता बरतने को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। सभी विपक्षी दलों का कहना था, महामारी से निपटने के …

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भारतीय भूमी पर चीन के अवैध कब्जे को सरकार ने स्वीकारा

बीते कुछ महीनों से भारत-चीन सीमा विवाद पर अनबन चल रही हैं। चीन ने भारत के भूमी पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है, इस बात को स्वीकारते हुए केंद्र सरकार ने लोकसभा में 15 सितम्बर 2020 कोअपना पक्ष रखा

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आजा़दी कि रात नेहरू ने किया था देश के ‘तकदीर से सौदा’

जवाहरलाल नेहरू कि लेखमाला :

आज हम अंग्रेजों से मिली आज़ादी कि 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस सात दशकों मे भारत नें दुनिया भर में अपनी अलग और शक्तिशाली पहचान स्थापित की हैं। हम दुनिया के नक्शे पर विराजमान हो चुके हैं।

जिस आज़ाद

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आज़ादी में अहम योगदान बना ‘लाल किला ट्रायल’ क्या था?

मारे देश की स्वतंत्रता में यूं तो असंख्य भारतीयों और अनेक तूफानी घटनाओं का योगदान है। लेकिन इन घटनाओं में से कुछ घटनाएं ऐसी है, जो आगे चलकर आज़ादी में निर्णायक साबित हुईं। लाल किला ट्रायलऐसी ही एक ऐतिहासिक घटना

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ब्रिटिशों के खिलाफ मौलाना आज़ाद का ‘भारत छोड़ो प्रस्ताव’ क्या था?

कार्य समिति के प्रस्ताव (भारत छोड़ो) के प्रकाशित होते ही सारे देश में बिजली की लहर सी दौड़ गई। लोग यह भी न सोच पाये कि इस प्रस्ताव में क्या-क्या बातें निहित हैं, परंतु उन्होंने यह महसूस किया कि काँग्रेस अंग्रेजों को भारत से

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..और गांधी बोले, ‘बनिया हूँ और स्वराज्य हासिल करना मेरा धंधा है’

मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की 7 अगस्त, 1942 को बैठक हुई। जिसमें भारत छोडों प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसके बाद महात्मा गांधी ने इसपर विस्तार से अपने विचार रखे। जिसमें उन्होंने कहा, सब लोगों ने इसे सोंच-समझकर स्वीकार करना हैं। उसके

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अनपढ़ होते हुये भी सम्राट अक़बर था असीम ज्ञानी

नेहरु कि लेखमाला :

पंडित नेहरू ने ‘Glimpses of world history’ किताब में मध्यकालीन भारत के इतिहास पर विस्तृत रोशनी डाली हैं इसमें सम्राट अकबर पर लिखा लेख उसका बेहतरीन व्यक्तित्व पेश करता हैं आज जब मध्यकाल के इतिहास को तोड-मरोडकर

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क्यों ढ़हाये हिन्दू शासकों ने मंदिर, तो मुसलमानों ने मस्जिदे?

में मुसलमान शासकों द्वारा मंदिरों को ध्वस्त किए जाने के बारे में बहुत कुछ पढ़ने को मिलता है लेकिन हम कभी भी हिन्दू या बुद्ध शासकों द्वारा मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थलों को नष्ट करने के बारे में या काश्मीर के राजा हर्ष द्वारा

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