दक्षिणपंथीयों ने किया था गोविन्द पानसरे के हत्या का समर्थन

चार साल पहले 16 फरवरी 2015 को कॉ. गोविन्द पानसरे को कोल्हापूर में गोलिया दागी गई। जिसके बाद 20 फरवरी को इलाज के दरमियान उनका निधन हो गया। आज तक पानसरे के हत्या के आरोपी धरे नही हए हैं

सरकार और एजेन्सीयों ने 

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मुघल सम्राट बाबर नें खोजी थी भारत की विशेषताएं 

बाबर कि जिंदगीयों की कुछ घटनाएं और उसने आत्मचरित्र में लिखे हुए कई तथ्यों कि गलत साबित नही किया जा सकता। वैसेही किसी एक घटना को लेकर बाबर को एक सहिष्णु उदार राज्यकर्ता के रुप में चित्रित करना भी उचित नहीं होगा। परंतु उसके …

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फखरुद्दीन अली अहमद जिनकी पहचान ‘एक बदनाम राष्ट्रपति’ रही

खरुद्दीन अली अहमद अब से पहले आपातकाल के खलनायक के रुप में जाने जाते थे। इन दिनों उन्हे एक नई पहचान मिली हैं। उनके परिजनों का नाम असम के NRC सूचि से बाहर हैं।

यह वजह हैं कि आजकल सीएए और एनआरसी के खिलाफ

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शाहिद आज़मी न्याय के लिए प्रतिबद्ध एक बेहतरीन वक़ील

सा2010, 11 फ़रवरी को रात के क़रीब नौ का वक़्त रहा होगा। मुंबई से मेरे एक दोस्त का फोन आया- अज्ञात बंदूकधारियों ने शाहिद आज़मी को उनके दफ्तर में मार डाला। यह अवाक कर देने वाली खबर थी, जिस पर यकीन करना

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Wikimedia

सहनशीलता और त्याग कि मूर्ति थी रमाबाई अम्बेडकर

भीमराव अम्बेडकर का डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर बनाने में माता रमाबाई का बडा बलिदान रहा हैं। रमाबाई केवल बाबासाहब कि जीवन संगिनी नही थी बल्की उनकी उससे भी कही ज्यादा थीं। जिनके बलिदान, त्याग और समर्पण को भारत का समुचा समुदाय कर्जदार हैं।

भारत के

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तानाजी मालुसरे का इतिहास हुआ सांप्रदायिकता का शिकार

फिल्म ‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ के बाद मराठा साम्राज्य के जाबाँज योद्धा तानाजी मालुसरे फिर एक बार चर्चा में हैं। इस बार भी इस ऐतिहासिक कथा के साथ फिल्मी अभिव्यक्ती ने इतिहास को तोड मरोडकर पेश करने का बडा गुनाह किया।

जिसके बाद

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सफदर हाशमी को भूक खिलाफ जंग मे मिली थी शहादत

क्रांतिकारी लेखक, क वि और अभिनेता तथा कालविद् सफ़दर हाश्मी को हमसे बिछडे तीन दशक हो गये हैं। सफ़दर सामंतशाही और संघवादी ताकतों के विरोध मे लड़ने वाले पहले शहीद थे। नुक्कड नाटिकाओ के जरीए वे जनता में चेतना भरने का काम करते थे।

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University of Dhaka/Wikimedia

मुसलमान लडकियों का पहला स्कूल खोलनेवाली रुकैया बेगम

सोशल मीडिया के दौर में मुसलमानों में फातेमा शेख कि पोस्ट आए दिन वायरल किए जाती हैं। उसके साथ यह मेसेज होता हैं कि उन्होंने कथित रूप से ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई को अपने घर में पनाह दी थी। इससे अधिक जानकारी मुझे अब

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मौलाना आज़ाद ने ‘भारतरत्न’ लेने से इनकार क्यों किया?

मौलाना आज़ाद भारत के उस मना स्वतंत्रता सेनानी में गिने जाते हैं, जिन्होने अंग्रेजो के खिलाफ लडाई में अपनी जान कि बाजी लगाई थी। आज़ाद किसी एक धर्म विषेश के नेता नही थे, बल्कि भारत के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त कराने वाले

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सूफी पंरपरा

किसी उस्ताद के बगैर वे बन गए ‘अमीर खुसरौ’

खुसरौ उच्च कोटी के विद्वान और कवि थे वह सुफ़ी रहस्यवादी थे और दिल्ली वाले निजामुदीन औलिया उन के आध्यात्मिक गुरू थे उन्होंने तुर्की, पर्शियन और हिन्दवी में काव्य रचना की उनको कव्वाली के जनक के रुप में जाना जाता

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