परवीन शाकिर वह शायरा जो ‘खुशबू’ बनकर उर्दू अदब पर बिखर गई
अपने महबूब को हवाओं में बिखरने वाली खुशबू की मिसाल देते हुए एक दफा पाकिस्तानी शायरा परवीन शाकिर ने ‘फूल’ की समस्या का जिक्र किया था।
1994 के दिसम्बर के आखिरी हफ्ते में याने 26 तारीख को यह फूल हमेशा हमेशा के लिए मुरझा …
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