परवीन शाकिर वह शायरा जो ‘खुशबू’ बनकर उर्दू अदब पर बिखर गई

पने महबूब को हवाओं में बिखरने वाली खुशबू की मिसाल देते हुए एक दफा पाकिस्तानी शायरा परवीन शाकिर ने ‘फूल’ की समस्या का जिक्र किया था।

1994 के दिसम्बर के आखिरी हफ्ते में याने 26 तारीख को यह फूल हमेशा हमेशा के लिए मुरझा …

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सूफी पंरपरा

किसी उस्ताद के बगैर वे बन गए ‘अमीर खुसरौ’

खुसरौ उच्च कोटी के विद्वान और कवि थे वह सुफ़ी रहस्यवादी थे और दिल्ली वाले निजामुदीन औलिया उन के आध्यात्मिक गुरू थे उन्होंने तुर्की, पर्शियन और हिन्दवी में काव्य रचना की उनको कव्वाली के जनक के रुप में जाना जाता

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