सांसद असदुद्दीन ओवेसी (Asduddin Owaisi) ने दिल्ली के दंगो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पार्टी पर जवाबदेही तय की हैं। ओवेसी ने एक भाषण में प्रधानमंत्री से दिल्ली के फसाद को लेकर कई सवाल पुछे हैं। उन्होंने कहां कि वजीर ए आजम दिल्ली के दंगों पर कुछ बोलते क्यों नही?
अपने एक घंटे के तकरीर में उन्होंने दंगो के लिए बीजेपी के मंत्री तथा नेताओ के विवादित भाषणों को जिम्मेदार ठहराया हैं। डेक्कन क्वेस्ट कि ओर से हम वह तकरीर आपके समक्ष रख रहें हैं। जिसका पहला हिस्सा हमने पिछले हफ्ते दिया था। पेश हैं आज उसका दूसरा भाग..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या आप जानते हैं दिल्ली का फसाद एक सोची-समझी साजिश के तहत हुआ है! आपके विचारधारा और आपके पार्टी के लोगों के बयानों के वजह से यह दंगा हुआ है। दिल्ली का फसाद पुरे तैयारी के साथ हुआ है। जिसे ‘कम्युनल राइट’ नहीं कहा जा सकता।
बल्कि यह एक साजिशन प्रोग्राम था। हम तो उम्मीद कर रहे थे कि आपने 2002 के गोधरा दंगो से कुछ सबक लिया होगा और दोबारा उसे होने नहीं देंगे। पर फिर से दंगा हुआ और वह आप के ही कार्यकाल में हुआ हैं। 2002 में गुजरात में मुसलमानों जीनोसाइड हुआ अब 2020 में सिर्फ मुसलमानों का ही नही बल्कि इस बार तो हिन्दुओ का भी नरसंहार हुआ।
On behalf of @aimim_national, handed over urgently needed essential medicines for Delhi’s pogrom victims
The medicines will be used in Medical Relief Camps being organised by Citizens’ Collective for Peace this Sunday
Kudos to all those participating in relief work pic.twitter.com/IoyCz6kFxg
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 6, 2020
दो दशक में दो नरसंहार! बताओ प्रधानमंत्री यह क्या हो रहा है? आपके लीडर ने क्यों ‘गोली मारों..’ बयान दिया था और आप के लोग बोलते हैं कि क्यों देंगा वह बयान? टीवी के जिम्मेदार और जो एंकर टीवी के चैनल पर बैठते हैं उन्हे मोदी से बहुत ज्यादा मुहब्बत हैं।
मैं वजीर ए आजम के उस अजीम ओहदे की इज्जत करता हूँ। उस शख्स की नहीं बल्कि उस पद (ओहदे) की इज्जत करता हूँ। हम उन एंकरो से भी पूछना चाहते हैं कि वह कभी यह सवालात आप क्यों नहीं करते? वह भी बेचारे क्या करेंगे! अगर वह पूछ लेंगे तो उनके साथ भी तो कुछ हो जाएगा।
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मानव अंगो के मिले तुकडे
प्रधानमंत्री क्या आप जानते हैं कि दंगों मे एक मुस्लिम खानदान को एक हिंदू नें बचाया। वह मुसलमान एनडीटीवी के एक वीडियो में कह रहा है कि, मैं अपने घर के छत पर जाकर छुप गया। मैं नीचे देख रहा था तब मुझे दिखा कि मेरे भाई को दंगाइयों ने पकड़ लिया। उसे गोली मार दी मेरा भाई नीचे गिरा। वह फिर उठा तो फिर उसे उन दंगाईयों उसे गोली मारी। उसके बाद मेरे भाई को जला दिया।
दि हिंदू अखबार की आज रिपोर्ट है उस खानदान के बड़े भाई ने जो यह बयान दिया, उसने मुर्दाघर में जाकर अपने भाई का कटा हुआ पैर देखा और कहां, यह मेरा भाई है! क्योंकि उस को मालूम था भाई के पैर के उंगलियों के नाखून टेढे थें। नाखून देखकर उसने भाई के लाश कि पहचान की। अब तो जिस्म भी नहीं मिल रहे हैं, अब तो खाली टांग मिल रही हैं। कुछ तो बोलो प्रधानमंत्री?
गहरी साजिश
आप बीजेपी के नहीं भारत के प्राइम मिनिस्टर है। आप सिर्फ उन 3 लोगों के प्रधानमंत्री नहीं हैं जिनके भडकाऊ भाषणों कि वजह और एक साजिशन तरीके यह तमाम फसाद हुआ। हिंदुस्तान टाइम्स के एक मशहूर एडिटर हैं शिशीर गुप्ता; उन्होंने अखबार में लिखा है कि गडबड कराने के लिए बसों में भरकर लोगों को लाया गया था। मैं जो कुछ कह रहा हूं अपने दिमाग से नहीं बल्कि अखबारों से पढ़ कह रहा हूँ।
#DelhiViolence | The violence in north-east Delhi last month was “one-sided”, “well-planned” and “maximum damage was inflicted on Muslim houses and shops with local support”, report by Delhi Minorities Commission says
(by @abhishekdey04)https://t.co/O2YCQuVyBt
— Hindustan Times (@htTweets) March 5, 2020
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हम प्रधानमंत्री से जानना चाहते हैं कि भारत में क्या हो रहा है? भारत की राजधानी, जहां से केंद्रीय सरकार चलती हैं। यह इंडिया का कैपिटल सिटी न्यू दिल्ली हैं। दिल्ली के लोग कह रहे हैं कि शिव विहार एक खंडहर नजर आ रहा है। भूत बस्ती नजर आ रही है। कौन है यह लोग? जो कह रहे हैं ‘देश के गद्दारों को गोली मारो’ कौन है यह लोग?
हमने समझा था कि 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद दोबारा ऐसा नजारा नहीं देखेंगे; मगर अशोकनगर में हमने देख लिया। लोग मस्जिद के मीनार पर चढ़कर स्पीकर को तोड़ते हैं। उस पर भगवा झंडा लगाते हैं और नीचे लोग खड़े ताली मारते हैं।
मन में बसी मिसाल
टाइम्स ऑफ इंडिया के अखबार की रिपोर्ट है। जब मुस्लिम बस्ती में एक मंदिर पर हमला करने के लिए कुछ मुसलमान आए थें। तब वहां के सब मुसलमानों ह्यूमन चेन बनाकर उस दुर्गा मंदिर को बचाया। प्रधानमंत्री यह कौन है, जिन्होंने मंदिर को बचाया था? क्या जानते हैं आप उन्हे? उनके कपड़ों देख कर बता दीजिए कि यह लोग कौन है? कौन थें यह लोग, बताइए ना! मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री कुछ बोलेंगे।
एक 17 साल का बच्चा है जिसका नाम है हरीश सिंह है। जब किसी जगह गड़बड़ हुई तो एक लडके को मुसलमान ने उसकी गर्दन पकड़कर कहा कि तू अंदर जा। उस हरीश के वालिद दिल्ली ट्रान्सपोर्ट में ड्राइवर हैं। उन्होंने हरीश को फोन लगा कर पूछा मेरे बेटे कहां है तू?
तो हरीश ने कहा, “अब्बा मैं वहाब भाई के घर में आराम से हूँ।” एक बाघेल साहब है जब उनके पड़ोस में घर में आग लगी तो उन्होंने घर में घुसकर 7 मुसलमानों के जान को बचाया और खुद 70 परसेंट जल गए। प्रधानमंत्री इनके बारे में तो बोल दो ना कम से कम! बाघेल साहब के बारे में तो बोल दो?
साम्प्रदायिक होती पुलिस
एक कॉन्स्टेबल है शिव विहार के, उनका नाम मुहंमद इरफान है। दिल्ली पुलिस के इस कांस्टेबल ने 35 मर्तबा पुलिस को फोन किया, और कहां बचाओ मुझे! 9 घंटे के बाद वहां आपकी पुलिस आई। उस पुलिस कांस्टेबल कहा है कि मैं लोगों से कपड़े मांग कर उसे पहन कर काम पर जा रहा हूं। मेरे पास अपने कपड़े भी नहीं है क्योंकि मेरा घर दंगाईयों ने जला डाला।
प्रधानमंत्री यह जो फसाद हुआ है यह साजिश और एक षड्यंत्र के तहत हुआ है। यह एक टारगेटेड स्ट्रक्चरल वायलेंस है। और इसकी जिम्मेदारी आप की हुकूमत पर आती हैं। दिल्ली का फसाद आपकी जवाबदेही है। वह आप की नाकामी हैं। आपने आंखें बंद कर ली हैं।
Doctor Akram whose pharmacy was burnt down by rioters wants to know how does he prove his patriotism to the country. He has been living in Shiv Vihar for decades and now does not recognise it. Hear people. Hear him pic.twitter.com/fz8YasMK0D
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) March 4, 2020
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क्या आप लोग जानते हैं 2002 में एहसान जाफरी ने तीन-चार घंटो तक लगातार गुजरात पुलिस को फोन किया था। फिर भी पुलिस नहीं आई। एहसान जाफरी ने उस वक्त के चीफ मिनिस्टर (नरेंद्र मोदी) के ऑफिस में भी फोन किया था, फिर भी उन्हे कोई मदद नहीं आई।
दंगाई घुसे और एहसान जाफरी के जिस्म के 10 टुकड़े कर दिए और उनके बीवी जकिया जाफरी के सामने उनको जला डाला। जबके एहसान जाफरी उस समय मेंबर ऑफ पार्लमेंट थें।
इंद्रकुमार गुजराल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। उनके बेटे नरेश गुजराल वर्तमान में सासंद हैं। उन्होंने एक लेटर जारी किया हैं। जिसमे वह कहते हैं, मैंने कई घंटे तक पुलिस को फोन किया और कहां कोई बचाओ इन मुसलमानों को! पुलिस मेरा जवाब नहीं दिया। मैं यह नहीं कह रहा हूं गुजराल कह रहे हैं।
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AIMIM के यह सांसद किसी परिचय के मोहताज नही हैं। स्पष्टवक्ता और तेजतर्रार भाषणो के लिए वह दुनियाभर में जाने जातें हैं। (यहां उनकी संवैधानिक तकरीरे ट्रान्सस्क्रिप्ट की जाती हैं। उनकी भूमिका से संपादक सहमत हो जरुरी नही।)