क्या हैं असम-मिजोरम संघर्ष का इतिहास ?

पूर्वोत्तर के दो राज्य असम और मिजोरम के बीच बीते दिनों सीमा से जुड़े विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। दोनों राज्यों की बॉर्डर पर देखते ही देखते हिंसा ने इतना भयावह रूप ले लिया कि पत्थरबाजी, गोलाबारी तक की नौबत

यहाँ क्लिक करें

जनसंख्या नियंत्रण में मुसलमानों का योगदान ज्यादा

त्तर प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030 का ऐलान किया हैं। इस के बाद से ही पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग हो

यहाँ क्लिक करें

आज़ाद भारत में राजद्रोह कानून की किसे जरूरत ?

देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से जवाब तलब करते हुए कहा है कि आज़ादी के 75 साल बाद क्या राजद्रोह के क़ानून की जरूरत है? अदालत ने कहा कि यह औपनिवेशिक कानून है और स्वतंत्रता सेनानियों के खि़लाफ़

यहाँ क्लिक करें

अफगान में तालिबान से हारा अमेरिका, अब आगे क्या !

स समय पूरी दुनिया की नज़र अफगानिस्तान की हलचल पर है, जब से अमेरिकी सेना की पूर्ण वापसी की समय सीमा नज़दीक आ रही है अफगान के पड़ोसियों के माथे पर शिकन बढ़ती जा रही है। वजह है तालिबान का अफगानिस्तान में फिर बढ़ता

यहाँ क्लिक करें

क्या कश्मिरीयों की दिल कि दूरी बन्दूक की नोंक से कम होगी ?

साल 2019 के पांच अगस्त को राष्ट्रपति ने एक अध्यादेश जारी कर कश्मीर को स्वायत्तता प्रदान करनी वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया। यह अनुच्छेद कश्मीर के भारत में विलय का आधार था और कश्मीर को रक्षा, संचार, मुद्रा

यहाँ क्लिक करें

कहानी मुस्लिम आरक्षण के विश्वासघात की !

संविधान सभी भारतीयों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की गारंटी देता है चाहे वे किसी भी धर्म, जाति के हों या उनका कहीं भी जन्म हुआ हो। यह सिद्धांत रूप में भले ही सही हो लेकिन व्यवहार में कुछ

यहाँ क्लिक करें

समय के साथ शिवसेना बदली, पर क्या विचारधारा भी बदलेगी !

जून 19 को शिवसेना ने अपने 55 साल मुकम्मल किये। फिलहाल सेनाप्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। महाराष्ट्र के इतिहास में ये कोई पहला मौका नहीं हैं जब एक शिवसैनिक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा हो। इस से पहले भी गठबंधन की सरकार …

यहाँ क्लिक करें

बेकसूरों के बार-बार जेल के पिछे क्या हैं साजिश?

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में दिल्ली दंगें (Delhi riots) मामले में देवंगाना कालिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दे दी है। देवांगना चार मामलों जबकि नताशा तीन मामलों में मुकदमे का सामना कर रही हैं। उन्हें

यहाँ क्लिक करें

हिन्दू आबादी में कमी और मुसलमानों में बढ़ोत्तरी का हौव्वा

पिछले 11 जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मुसलमानों को एक अच्छीपरिवार कल्याण योजना अपनानी चाहिए ताकि राज्य में व्याप्त घोर गरीबी और सामाजिक समस्याओं से मुकाबला किया जा सके।

मुख्यमंत्री, दरअसल,

यहाँ क्लिक करें

खिलाफ़त आंदोलन में तिलक भी, फिर गाँधी ही बदनाम क्यों?

स विषय की चर्चा करने का प्रमुख कारण संघ महात्मा गाँधी को ‘मुस्लिम परस्त’ कहते थकता नहीं है। जिसमें उन्होंने बटवारे का पुरजोर विरोध नहीं करने से लेकर, खिलाफ़त आंदोलन को समर्थन देने के लिए भी गाँधी जी को संघ दोषी मानता है।

हालाँकि …

यहाँ क्लिक करें