कोरोना संकट, सरकार और सांप्रदायिकता इतिहास में सब दर्ज

कोरोना वायरस से हालात बिगड़ने के लिए जैसे ही सरकार की निंदा शुरू होती है, सारा दोष सिस्टमपर लाद दिया जाता है। लेकिन हमारे शासक चाहे जितनी अपनी पीठ थपथपा लें, इतिहास में उनका निकम्मापन दर्ज हो चुका है।

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प्रगतिशील लेखक संघ : साहित्य आंदोलन का मुकम्मल खाका

नौ अप्रैल, प्रगतिशील लेखक संघ (Progressive Writers Association) का स्थापना दिवस है। साल 1936 में आज ही के दिन लखनऊ के मशहूर रफा-ए-आमक्लब में प्रगतिशील लेखक संघ का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ था, जिसमें बाकायदा संगठन की

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पूर्वी लद्दाख में चीन कि घुसपैठ पर सरकार क्या बोली?

लोकसभा से:

होदय, मैं भारत और चीन सीमा पर हाल फिलहाल जो डेवलपमेंट्स हुए हैं, उसकी जानकारी देने के लिए, उस पर वक्तव्य देने के लिए सदन के समक्ष खड़ा हुआ हूं अध्यक्ष जी, पिछले वर्ष सितम्बर में इस गरीमामय

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लोकसभा में सवाल, हज सब्सिडी बंद हुई तो कितने स्कूल्स खुले?

लोकसभा से :

ध्यक्ष महोदय, 8 नवम्बर, 2016 को वजीरे आजम, नरेन्द्र मोदी साहब टीवी पर आते हैं और यह ऐलान करते हैं कि चार घंटे में 500 रुपए और 100 रुपए के नोट खत्म हो जाएंगे। यह इसलिए फैसला नहीं

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सांसद महुआ मोईत्रा ने लोकसभा में क्या कहा, जो मच गया हंगामा!

लोकसभा से : 

माननीय सभापति महोदय,

मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ और अपनी पार्टी द्वारा रखे गए संशोधनों के समर्थन में बोल रही हूं।

हमारे कई सारे साथी नागरिक, आज जेल में हैं या फिर पुलिस अथवा न्यायिक उत्पीड़न

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चीन पर करम और किसानों पर सितम, रहने दे थोड़ा सा भ्रम

लोकसभा से :

नाबे चेयरमैन साहब, आपका बहुत शुक्रिया। मैं सदरे जम्हूरिया के खुद के मोशन के खिलाफ बोलने के लिए खड़ा हुआ हूँ मैं अपनी बात का आगाज़ उस मुल्क का नाम ले कर करना चाहता हूँ, जिसका नाम लेने से

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बात ‘आत्मनिर्भर भारत’ या चुनिंदा ‘पूंजीपति निर्भर’ भारत की?

लोकसभा से :

ध्यक्ष महोदय, आपका धन्यवाद कि आपने मुझे बोलने का अवसर दिया। माननीय राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में सरकार की कई सारी उपलब्धियों का उल्लेख किया। मैं उन उपलब्धियों के लिए सरकार का अभिनंदन करना चाहूंगा जिनका लाभ अंतिम पंक्ति

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‘सेंट्रल विस्टा’ संसदीय इतिहास को मिटाने का प्रयास

लोकसभा से :

माननीय सभापति महोदय, आपने हमेशा मातृभाषा को प्रोत्साहित किया है और ज़ोर देकर कहा है कि इस सदन के सदस्य अपनी मातृ भाषा में अपने विचार व्यक्त करें। इस भावना को ध्यान में रखते हुए, मैं आज मराठी में

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दंभ और गुरूर का नाम ‘लोकतंत्र’ नही होता!

राज्यसभा से :

सभापति महोदय, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि अपने मुझे महामहिम के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने का मौका दिया। दिक्कत यह है कि उनसे, जिनसे होती है इंसां को हमेशा तकलीफ, वे समझते हैं कि वे असल अक्ल वाले

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आगरा किला कैसे बना दिल्ली सुलतानों की राजधानी?

हजादे सलीम यानी जहाँगीर बादशाह अपने अन्य वंशजों से थोड़ा अलग था। उसने पिता सम्राट अकबर से राज संभाला था। सन 1605 में अकबर के देहांत के बाद जहांगीर ने मुग़ल सल्तनत संभाली। 22 साल के शासनकाल में जहांगीर ने जो नाम कमाया वह

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