किसी तलवार से कम नही थी ‘मजाज़’ की शायरी!
असरारुल हक ‘मजाज’ की खूबसूरत, पुरसोज शायरी के पहले भी सभी दीवाने थे और आज भी उनकी मौत के इतने सालों बाद, यह दीवानगी जरा सी कम नहीं हुई है। मजाज सरापा मुहब्बत थे। तिस पर उनकी शख्सियत भी दिलनवाज …
यहाँ क्लिक करें
 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		