राजनीति से धर्म को अलग रखने वाला सुलतान यूसुफ आदिलशाह

डे भाई के द्वारा कत्ल का आदेश दिए जाने के बाद यूसुफ आदिलशाह को उसकी माँ ने बचाने के लिए व्यापारीयों के माध्यम से देश से भगाया। किस्मत की मार झेलते हुए यूसुफ विदेश से हिन्दुस्थान पहुंचा। अपने कर्तृत्व से वह ‘बहामनी सल्तनत’ में …

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NRC और NPR भारत के हिन्दुओं के खिलाफ साबित होंगा

दिल्ली विधानसभा से:

मारे देश में इस समय बेरोजगारी बहुत अधिक स्तर पर बढी हुई है। बच्चे बेरोजगार घूम रहे हैं और बेकारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। क्योंकि (भारत में) अर्थव्यवस्था का बहुत बुरा हाल हो चुका हैं। मुझे लगता है कि सारी

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आन्तरिक विवशता से मुक्ती पाने के लिए लिखते थें ‘अज्ञेय’

आज 7 मार्च अज्ञेय याने सच्चिदानंद वात्स्यायन का जन्मदिन हैं। उनका जन्म 1911 में उत्तर प्रदेश में हुआ। अज्ञेय को एक क्रांतिकारी कवि, कथाकार और निबंधकार के रूप में भी जाना जाता हैं।

हिन्दी साहित्य जगत में अज्ञेयमौलिक योगदान रहा हैं जो

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दंगो के डर से ब्रिटिशो नें घुटने टेके और गांधीजी हुई रिहाई

सौ साल पहले सन 1919 के मार्च महिने में गांधीजी द्वारा रौलेक्ट एक्ट का विरोध एक देशव्यापी सविनय सवज्ञा के कार्यक्रम के रूप शुरू हुआ। काला कानून बताकर महात्मा गांधी ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया।

इस कानून से ब्रिटिश सरकार

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रौलेट एक्ट के विरोध से स्थापित हुई थी हिंदू-मुसलमानोंं की एकदिली

ज से ठिक 100 साल पहले सन 1919 के मार्च महिने में महात्मा गांधी द्वारा रौलेक्ट एक्ट का विरोध किया था। इस कानून से ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार प्राप्त हुआ था कि, किसी भी भारतीय नागरिक को बिना किसी अदालती मुकदमे के सालों

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Sharad Pawar FB

गांधीजी ने सौ साल पहले किया था CAA जैसे काले कानून का विरोध

सौ साल पहले सन 1919 के मार्च महिने में महात्मा गांधी द्वारा रौलेक्ट एक्ट का विरोध शुरू हुआ। जिस तरह आज CAAऔर प्रस्तावित NRC तथा NPR का विरोध किया जा रहा हैं। कहा जा रहा हैं कि महात्मा गांधी के इसी आंदोलन कि प्रेरणा

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इब्न बतूता : 75 हजार मील सफर करनेवाला अरब प्रवासी

ब्ने बतूता हा पुरा नाम अबू अब्दुल्लाह मुहंमद इब्न मुहंमद इब्न अब्दुल्लाह इब्न बतूताथा। जो इतिहास में इब्न बतूता के नाम से जाना जाता है। वह उत्तरी आफ्रिका के मोरोक्को प्रदेश तानजीरका निवासी था।

बतूता चौदहवी शताब्दी का

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बॉलीवूड कि पहली ‘ग्लॅमर गर्ल’ थी सुरैय्या

तुमने तो मिर्जा गालिब की रूह को जिन्दा कर दिया हैं।यह वाक्य मशहूर अभिनेत्री सुरैय्या के लिए भारत के पहले पंतप्रधान पंडित नेहरू कहा था। 1954 में रिलिज हुई फिल्म मिर्जा गालिबदेखने के बाद उन्होंरू ने यह प्रतिक्रिया

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National Gandhi Museum

गांधीजी के निधन पर नेहरू ने कहा था ‘प्रकाश बुझ गया’

हात्तर साल पहले गांधीजी के निधन से देशभर मे शोक कि लहर पैदा हुई थी। इस दुखद घटना ने भारत ही नही बल्कि समूचे विश्व में शोक औऱ सन्नाटा छा गया था। बापू के अंत्य दर्शन के लिए अफगाणिस्तान, अल्जेरिया, अर्जेटिना, बेल्जियम, ब्रिटन, जपान,

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बादशाह खान मानते थें विपत्तियो में इन्सान बहुत कुछ सीखता है

बादशाह खान उत्तरी-पूर्व सीमा प्रान्त अब का खैबर पख्तुनख्वा में  6 फरवरी 1890 में जन्मे। उस समय यह भाग पंजाब प्रांत का हिस्सा था। खान साहब को सीमान्त गांधी के नाम से भी जाना जाता हैं। जिन्होंने भारत के विभाजन का हमेशा से ही

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