खिलाफ़त आंदोलन में तिलक भी, फिर गाँधी ही बदनाम क्यों?

स विषय की चर्चा करने का प्रमुख कारण संघ महात्मा गाँधी को ‘मुस्लिम परस्त’ कहते थकता नहीं है। जिसमें उन्होंने बटवारे का पुरजोर विरोध नहीं करने से लेकर, खिलाफ़त आंदोलन को समर्थन देने के लिए भी गाँधी जी को संघ दोषी मानता है।

हालाँकि …

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दंगो के डर से ब्रिटिशो नें घुटने टेके और गांधीजी हुई रिहाई

सौ साल पहले सन 1919 के मार्च महिने में गांधीजी द्वारा रौलेक्ट एक्ट का विरोध एक देशव्यापी सविनय सवज्ञा के कार्यक्रम के रूप शुरू हुआ। काला कानून बताकर महात्मा गांधी ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया।

इस कानून से ब्रिटिश सरकार

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पुलिसीया दमन के बावजूद दटे रहे CAA विरोधक

रकार नें लोगो कि बात सुनने के बजाए उलट आग में तेल डालने काम किया हैं। सरकार एनआरसी और एनपीआर प्रक्रिया के माध्यम से भारतीयो कि नागरिकता छिनना चाहती हैं। सरकार द्वारा आम लोगो के खिलाफ बायनबाजी से आंदोलन थमने के बजाए और भडक

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रौलेट एक्ट के विरोध से स्थापित हुई थी हिंदू-मुसलमानोंं की एकदिली

ज से ठिक 100 साल पहले सन 1919 के मार्च महिने में महात्मा गांधी द्वारा रौलेक्ट एक्ट का विरोध किया था। इस कानून से ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार प्राप्त हुआ था कि, किसी भी भारतीय नागरिक को बिना किसी अदालती मुकदमे के सालों

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National Gandhi Museum

गांधीजी के निधन पर नेहरू ने कहा था ‘प्रकाश बुझ गया’

हात्तर साल पहले गांधीजी के निधन से देशभर मे शोक कि लहर पैदा हुई थी। इस दुखद घटना ने भारत ही नही बल्कि समूचे विश्व में शोक औऱ सन्नाटा छा गया था। बापू के अंत्य दर्शन के लिए अफगाणिस्तान, अल्जेरिया, अर्जेटिना, बेल्जियम, ब्रिटन, जपान,

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गांधीहत्या को लेकर सरदार पटेल ने दिखाई थी उपेक्षा

हात्मा गांधीजी के हत्या का मुकदमा सिधा और स्पष्ट था। परंतु आज 70 साल बाद गांधी हत्या को लेकर गोडसे और सावरकर का महिमामंडन किया जा रहा हैं। झुठी कहानियाँ गढकर और फेक न्यूज को आधार बनाकर गोडसे को दोषमुक्त करने का प्रयास किया

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महात्मा गांधी की चोरी और उसका प्रायश्चित्त

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का इन दिनो 150वा जन्मशताब्दी वर्ष चल रहा हैं। जिस के संयोग में महात्मा गांधी के विचार तथा उनके तत्त्वज्ञान पर परिचर्चा कि जा रही हैं। महात्मा गांधी कि आत्मकथा मेरे सत्य के प्रयोग में गांधीजीं ने अपने साधारण व्यक्ति से

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महात्मा गांधी क्यों हैं विश्वशांति की जरुरत?

विश्व में एक औऱ जहां युद्ध और नफरत का वातावरण हैं। जहां-तहां फासिवादी ताकते उभर रही हैं, चारों और विनाश, आपदा और हिंसा कि स्थिती निर्माण कि जा रही हैं। मध्य आशियाई देशों में धर्म के नाम पर तबाही मचाई जा रही हैं।

ऐसे

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Credit: Rühe/ullstein bild/Getty

महात्मा गांधी की चोरी और उसका प्रायश्चित्त





राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का इन दिनो 150वा जन्मशताब्दी वर्ष चल रहा हैं। जिस के संयोग में महात्मा गांधी के विचार तथा उनके तत्त्वज्ञान पर परिचर्चा कि जा रही हैं। अपनी आत्मकथा मेरे सत्य के प्रयोग में गांधीजीं ने अपने साधारण व्यक्ति से महात्मा बनने

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