कंगन बेचकर मिली रकम से बना था ‘बीबी का मक़बरा’

ताज ऑफ साऊथकहा जाने वाला बीबी का मक़बरा’ दकन कि ऐसी सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे हर महाराष्ट्रीयन को फख्र महसूस होता हैं। औरंगाबाद स्थित यह इमारत मुग़ल सल्तनत कि एक अहम विरासत है।

यह मक़बरा मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब (1658-1707)

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पहुंचे हुए चमत्कारी फकीर थे मलिक मुहंमद जायसी

क दिन कवि मलिक मुहंमद जायसी ने पोस्तीनामाशीर्षक पद्य की रचना की और उसे सुनाने के लिए अपने गुरु मुहिउद्दीन के पास पहुंचे। उनके गुरुदेव वैद्यों के आदेश एवं अनुरोध पर रोज पोस्त (अफीम) का पानी पीते थे। जायसी की व्यंग्यपूर्ण

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क्या भारत में विविधता के जश्न को नष्ट किया जा रहा है?

भारतीय मूल के प्रसिद्ध बुद्धिजीवी फ़रीद ज़कारिया महामारी की ज़िम्मेदारी किसी एक देश पर थोपने के बजाय चाहते हैं कि हम सब इससे कुछ सबक़ सीखें उनका तर्क है कि अगला वायरस भारत या किसी और देश से भी शुरू हो सकता

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हजार साल पहले अल् बेरुनी ने किया था जातिरचना का विरोध

ल बेरुनी (Al-Biruni) का पूरा नाम अबू रैहान मुहंमद इब्न-ए-अहमद अल बेरुनीथा। उसका जन्म ख़्वारज़्म में 973 सदी ईसवीं में हुआ। अपने जन्म स्थान में रहते हुए ही उसने राजनीति में तथा विज्ञान और साहित्य में अच्छी ख़्याति प्राप्त

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सूफी-संतो को कभी नहीं थी जन्नत की लालसा!

मुस्लिम शासकों द्वारा सिंध व उत्तर भारत पर कब्ज़ा किए जाने से पूर्व अरब व्यापारी मलबार तटों पर इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए आये।

उन्होंने यहां मस्जिदों का निर्माण किया और स्थानीय महिलाओं से विवाह करके भारत में अपने घर बनाए। उन्हें नोपलह

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शाहनूर शरीफ : दम तोड़ती 400 सालों कि विरासत

बीते दिनों हमारा सफरनामा शाहनूर दैरे पर था। उस दिन साथ में मेरे दोस्त मुश्ताक अहमद कोप्पल और मेरे साथी तनवीर शरीफ भी थे। बेंगलुरु से करीब 365 किलोमीटर दूर हुबली जाने के रास्ते पर हवारी जिलें में स्थित यह जगह हैं।

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तुलसीदास पर था मुग़लकालीन भाषा का प्रभाव

तुलसीदास भारतीय समाज में दो संस्कृतियों और दो भाषाओं के मेल से बन रहे नए समाज की भाषा के असल प्रतिनिधि कवि हैं। बावजूद इसके कि भक्तियुगीन अनेक संत कवियों ने ईश्वर के सभी उपलब्ध नामों का आदर किया और उनमें समान रूप से

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मुग़लकाल में दिवाली भी ईद की तरह मनाई जाती

दियों से हमारे देश का किरदार कुछ ऐसा रहा है कि जिस शासक ने भी सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व की भावना से सत्ता चलाई, उसे देशवासियों का भरपूर प्यार मिला। देशवासियों के प्यार के ही बदौलत उन्होंने भारत पर वर्षों राज किया। मुग़ल शासक भी

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बचाव अर्णब का, या उनकी भ्रष्ट हरकतों का?

मैं आज क्यों लिख रहा हूं, अर्णब की गिरफ्तारी के तुरंत बाद क्यों नहीं लिखा? आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला संगीन है लेकिन सिर्फ नाम भर आ जाना काफी नहीं होता है। नाम आया है तो उसकी जांच होनी चाहिए और तय

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अंतरधार्मिक शादीयों पर हल्लाबोल या महिलाओं पर नियंत्रण?

लाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक हालिया निर्णय में कहा है कि दो विभिन्न धर्मो के व्यक्तियों के परस्पर विवाह के लिए धर्मपरिवर्तन करना अनुचित है क्योंकि विशेष विवाह अधिनियम में अलग-अलग धर्मों के व्यक्तियों के बीच विवाह का प्रावधान है। मामला एक मुस्लिम

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