जाकिर हुसैन वह मुफलिस इन्सान जो राष्ट्रपति बनकर भी गुमनाम रहा

धुनिक भारत कि शिक्षा नीति को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला यह शख्स वैसे तो एक गुमनाम जिंदगी जिता रहा। देश के प्रथम नागरिक बनने के बाद वे लोगों में परिचित हुए। उससे पहले वे बिना शोर शराबा और बिना चर्चा मे आए

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औरंगाबाद के वली दकनी उर्दू शायरी के ‘बाबा आदम’ थें

रंगाबाद में जन्मे वली दकनी उर्दू शायरी के पितामह माने जाते हैं। मौलाना मुहंमद हुसेन आजादने उन्हें उर्दू का पहला कवि कहा है। वली के जिंदगी को लेकर विद्वान तथा साहित्यकारों मे कई मतभेद नजर आते हैं।

आज भी वली को

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अब्बास तैय्यबजी : आज़ादी के इतिहास के गुमनाम नायक

ब्बाजी’ के नाम से प्रसिद्ध अब्बास तैय्यबजी (Abbas Tyabji) महात्मा गांधी के करीबी अनुयायी थे। वे तैय्यबजी परिवार के प्रमुख व्यक्ति थें जिन्होने भारत के स्वाधिनता संग्राम में भाग लिया था। अब्बाजी के बारे में अपर्णा बसु लिखित जीवनी (NBT)

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मैं आजाद के बेकसी का मज़ार हूँ…!

स्वाधीनता आंदोलन के नेता और इस्लाम के प्रकांड पंडित रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद कि आज पुण्यातिथी हैं। 22 फरवरी 1958 को आजाद इस दुनिया ए फानी से कूच कर गए। दिल्ली के जामा मस्जिद के निकट उन्हें दफन किया गया। परंतु उनकी स्मृतिस्थली

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दक्षिणपंथीयों ने किया था गोविन्द पानसरे के हत्या का समर्थन

चार साल पहले 16 फरवरी 2015 को कॉ. गोविन्द पानसरे को कोल्हापूर में गोलिया दागी गई। जिसके बाद 20 फरवरी को इलाज के दरमियान उनका निधन हो गया। आज तक पानसरे के हत्या के आरोपी धरे नही हए हैं

सरकार और एजेन्सीयों ने 

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फखरुद्दीन अली अहमद जिनकी पहचान ‘एक बदनाम राष्ट्रपति’ रही

खरुद्दीन अली अहमद अब से पहले आपातकाल के खलनायक के रुप में जाने जाते थे। इन दिनों उन्हे एक नई पहचान मिली हैं। उनके परिजनों का नाम असम के NRC सूचि से बाहर हैं।

यह वजह हैं कि आजकल सीएए और एनआरसी के खिलाफ

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राष्ट्रवाद कि परिक्षा में स्थापित हुआ था जामिया मिल्लिया

ये नागरिकता कानून देश को बांटने का का काम कर रहा हैं। इसलिए जामिया के छात्र CAA और NRC ने के खिलाफ खडे हुए हैं। इस विरोधी आंदोलन के चलते विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय निष्ठा पर संदेह किया जा रहा हैं।

पिछले महिनेभर से

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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ : सत्ताधारीयों को खुली चुनौती देने वाला शायर

न दिनों भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बडा आंदोलन चल रहा हैं। बहुत सालों बाद युवा वर्ग रास्ते पर उतरकर धर्म को बांटने वाले इस कानून को रद्द करने कि माँग कर रहा हैं। आंदोलन में हबीब जालिब और फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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मिर्जा ग़ालिब अपने ही शायरी के थे आलोचक

मिर्जा ग़ालिब को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। जन्मदिन और पुण्यतिथी के दिन ऐसे ही कई कहानियो का बखान हम सुनते पढते हैं। ग़ालिब के बारे में जितना भी लिखा जाए और पढ़ा जाए वह कम ही हैं। ग़ालिब का एक-एक अशआर स्वतंत्र फ़लसफ़ा

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University of Dhaka/Wikimedia

मुसलमान लडकियों का पहला स्कूल खोलनेवाली रुकैया बेगम

सोशल मीडिया के दौर में मुसलमानों में फातेमा शेख कि पोस्ट आए दिन वायरल किए जाती हैं। उसके साथ यह मेसेज होता हैं कि उन्होंने कथित रूप से ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई को अपने घर में पनाह दी थी। इससे अधिक जानकारी मुझे अब

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