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पुलिसीया दमन के बावजूद दटे रहे CAA विरोधक

रकार नें लोगो कि बात सुनने के बजाए उलट आग में तेल डालने काम किया हैं। सरकार एनआरसी और एनपीआर प्रक्रिया के माध्यम से भारतीयो कि नागरिकता छिनना चाहती हैं। सरकार द्वारा आम लोगो के खिलाफ बायनबाजी से आंदोलन थमने के बजाए और भडक

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शाहिद आज़मी ने कराई थी ‘दहशतगर्दों की पहचान?’

व्यवस्था ने जिन नौजवानों को गलत तरीके दहशतगर्दी के केसेस में फसाया था। 2010 के दशक में शाहिद आजमी उन नौजवानों की आवाज बन उभरे थें। मानवताविरोधी साम्प्रदायिक गुट ने 11 फरवरी 2010 को मुंबई के कुर्ला इलाके में स्थित टॅक्सीमेन कॉलनी के उनके

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‘पाकिस्तान जाओ’ अपमानित करने कि बीजेपी की रणनीति

पाकिस्तान चले जाओ’ पिछले कुछ सालों से भारत में मुसलमानों को अपमानित करने के लिए पसंदीदा ताना बन गया है। हाल में सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश के मेरठ के एसपी अखिलेश नारायण सिंह कथित तौर पर 

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क्या राम मंदिर के बदले मुसलमानों को सुरक्षा मिलेगी?

नौ साल पहले ३० सितंबर २०१० को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि को तीन भागों में बांट दिया और तीनों पक्षकारों को बराबर-बराबर ज़मीन दे दी।

उस समय अदालत ने यह भी कहा था कि

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वाजपेयी सरकार में हुई थीं संविधान बदलने की कोशिश

ज़ादी के लिए पहला विद्रोह सन 1857 में हुआ था। तब से लेकर 15 अगस्त 1947 तक चले 90 साल के काल को राष्ट्रीय आंदोलन माना जाता है। जिसकी शुरुआत  मुग़ल बादशाह बहादुरशाह ज़फर के नेतृत्व में हुई थी और जिसका समापन राष्ट्रपिता महात्मा

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संघ-परिवार ने क्यों किया था संविधान का विरोध?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हमेशा से यह मानना रहा है कि यह देश लोकतांत्रिक समाजवादीधर्मनिरपेक्ष गणराज्य के बजाय हिन्दू राष्ट्र’ बनाया जाएजिसमें केवल हिन्दू धर्म के मानने वालों की श्रेष्ठता हो और दूसरे धर्मों के लोग दूसरे दर्जे

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