चर्चों पर हमले : नफरत को कानूनी जामा पहनाने की मिसाल

स सप्ताह पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने कर्नाटक के ईसाई समुदाय और उनके गिरजाघरों पर हुए हमलों के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसी सप्ताह ही कर्नाटक सरकार ने एक ऐसे कानून का ऐलान किया है जिससे अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता …

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‘डिजिटल मीडिया सेन्सरशिप’ या सरकारविरोधी खबरों पर लगाम !

मैंने हाल ही में एक किताब लिखने का काम पूरा किया है। इसका शीर्षक है प्राइस ऑफ मोदी ईयर्सयानी मोदी काल की कीमत। यह किताब इस साल प्रकाशित होकर आ जाएगी। दरअसल इसमें 2014 के बाद के भारत का

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चीन मामले में नेहरू फर्जी राष्ट्रवादी नहीं थे!

भी हाल ही में आई मेरी किताब ‘Our Hindu Rashtra: What It Is. How We Got Here’ के सिलसिले में मेरा इंटरव्यू लेते हुए सवाल पूछा गया कि हिन्दुत्व आखिर नेहरू से इतनी नफरत क्यों करता है? यह एक रोचक सवाल था और

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कृषि कानून पर ‘क्रोनोलॉजी’ का आरोप क्यों हो रहा हैं?

रकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह समस्याओं की उस वक्त तक अनदेखी करती है जब तक कि भारी तादाद में भारतीय इससे प्रभावित न हो जाएं और वह राष्ट्रीय संकट न बन जाए।

ठीक एक साल पहले, गृहमंत्री अमित

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अशोक महान हो सकते हैं तो टिपू सुलतान क्यों नहीं?

पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित 2015 में एक कार्यक्रम में बंगलुरु आए हुए थे। संयोग से मैं भी उस कार्यक्रम में मौजूद था। मैं उन्हें बहुत पहले से जानता हूं। मैंने उनसे पूछा कि दक्षिण भारत में वो और कहां जाने वाले हैं। (असल

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हिन्दुत्व की तरफदारी में मीडिया क्या छुपा रहा हैं?

देश में मुख्यधारा के मीडिया में स्थापित पत्रकारिता संस्थानों, प्रतिष्ठित अखबारों और कुछ हद तक टीवी चैनलों का नाम आता है।

मीडिया के नये तरीके, जैसे वेबसाइट्स, ऐप्स आदि को मुख्यधारा का मीडिया अभी नहीं माना जाता है क्योंकि किसी अखबार या चैनल की

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