कैफ़ी ने शायरी को इश्कियां गिरफ्त से छुड़ाकर जिन्दगी से जोड़ा

रीब 80 फिल्मों में गीत लिखने वाले क़ैफी आज़मी के गीतों में जिन्दगी के सभी रंग दिखते हैं। फिल्मों में आने के बाद भी उन्होंने अपने गीतों, शायरी का मैयार नहीं गिरने दिया।

सिने इतिहास की क्लासिक कागज़ के फूल के

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शायरी कि बारीकियां सिखाते गालिब के कुछ खत

पंधरा फरवरी को शायर मिर्झा गालिब कि पुण्यतिथी थी वे उर्दू और फारसी के बेहतरीन शायर माने जाते हैं उनका मूल नाम असदुल्ला खाँ ग़ालिब था। आर्थिक तंगहाली और गरिबी में 1869 में उनका निधन हुआ

गालिब को हमसे

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