गरिबों को ‘मुफ़लिसी’ से उबारने का नाम हैं ‘ईद उल फित्र’ !

दुनिया भर के मुसलमानों के लिए ईद-उल-फ़ित्रकी बेहद अहमियत है। यह त्यौहार इस्लाम के अनुयायियों के लिए एक अलग ही ख़ुशी लेकर आता है। ईद के शाब्दिक मायने ही बहुत ख़ुशी का दिनहै।

ईद का चांद आसमां में

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क़ुरआन समझने की शर्त उसे खाली जेहन होकर पढ़े !

क़ुरआन अल्लाह की तरफ से उतारी गई एक दावती किताब है। अल्लाह तआला ने अपने एक बन्दे को सातवीं सदी ईसवीं की पहली तिहाई में एक ख़ास कौम के अंदर अपना नुमाइंदा बनाकर खड़ा किया और उसे अपने पैग़ाम की पैग़ाम्बरी (संदेशवाहन) पर मामूर

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तुघ़लक काल में कैसे मनायी जाती थी रमज़ान ईद?

मुहंमद तुघ़लक काफी उत्सवप्रिय व्यक्ती था। होली, दिवाली जैसे त्योहार वह काफी उत्साह से मनाता था। उसके दरबार में रमज़ान और बकर ईद मनाने कि एक विशेष पद्धती थी।

रमज़ान ईद के दिन ईदगाह जाकर नमाज पढ़ने, बकर ईद में कुर्बानी करने से लेकर …

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