और चल निकली भारतीय रंगमंच में ‘हबीब तनवीर’ शैली
आधुनिक रंगकर्म के अध्ययन के बाद अपने नाटकों में देशज रंग-पद्धति अपनाने वाले हबीब मानते थे, “पश्चिम से उधार लेकर उसकी नकल वाले शहरी थिएटर का स्वरूप अपूर्ण और अपर्याप्त है, साथ ही सामाजिक अपेक्षाएं पूरी करने, जीवन के ढंग…
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