भारतीय सभ्यता की सराहना में इस्मत आपा क्यों नहीं?

र्दू मॉडर्न कहानी के चार सतून रहे। तीन का भार मर्दाने कन्धों पर था। कृश्न चंदर, राजिंदर सिंह बेदी और सदाअत हसन मंटो। चौथा कंधा जनाना था। इस अकेले सतून में इतनी ताक़त रही कि इन्हें ‘मदर ऑफ मॉडर्न स्टोरी इन उर्दू’ कहा गया। 

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कहानियों से बातें करने वाली इस्मत आपा

हिन्दी, उर्दू अदब की दुनिया में ‘इस्मत आपा’ के नाम से मशहूर इस्मत चुगताई की पैदाइश उत्तर प्रदेश का बदायूं शहर है। 21 अगस्त 1915 को उनका जन्म हुआ।अलबत्ता उनका बचपन और जवानी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई शहरों में गुजरा। बाद में …

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