विदेश में भारतीय झंडा लहराने वाली भीकाजी कामा

भारत की आज़ादी से चार दशक पहले, साल 1907 में विदेश में पहली बार भारत का झंडा एक महिला ने फहराया था। इस 46 साल की पारसी महिला भीकाजी कामा ने जर्मनी के स्टुटगार्ट में हुई सातवीं इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेसमें

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जब अपने दोस्त जगन्नाथ के हाथों काटे गये क्रांति योद्धा अहमदुल्लाह

1787 में एक साधारण परिवार में जन्मे सिकंदर शाह को हम अहमदुल्लाह शाह मौलाना के नाम से जानते हैं। उनके पिता मूल रूप से हरदोई के रहने वाले थे और अर्काट के नवाब के कारिंदे थे। बाद में वे हैदर अली की फ़ौज

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छोटे भाई टैगोर की मुख़रता से स्वर्णकुमारी रही उपेक्षित लेखिका

बात कितनी अजीब थी कि अच्छे परिवार, वैचारिक और आर्थिक समृद्धता, अपने राष्ट्रवादी विचारों और उदार दृष्टि के बावजूद स्वर्णकुमारी देवी (28 अगस्त 1855 – 3 जुलाई 1932) को अपने ही परिवार से वैसा उत्साहवर्द्धन नहीं मिला, जिससे वह

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