अपनी कहानियों को खुद जीती थी रज़िया सज्जाद जहीर!

ज़िया दिलशाद उर्फ रज़िया सज्जाद जहीर को ज्यादातर लोग प्रगतिशील लेखक संघ के संस्थापक सदस्य सज्जाद जहीर की पत्नी के तौर पर जानते-पहचानते हैं। जबकि उनकी खुद की एक अलहेदा पहचान थी। वे एक बहुत अच्छी अफसानानिगार और आला दर्जे की अनुवादक थीं।

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सज्जाद ज़हीर : साहित्य में प्रगतिशीलता की नींव रखने वाले रहनुमा

हिन्दुस्ताँनी अदब में सज्जाद जहीर की शिनाख्त, तरक्की पसंद तहरीक के रूहे रवां के तौर पर है। वे राइटर, जर्नलिस्ट, एडिटर और फ्रीडम फाइटर भी थे। साल 1935 में अपने चंद तरक्कीपसंद दोस्तों के साथ लंदन में प्रगतिशील लेखक संघ की

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