साहिर लुधियानवी : फिल्मी दुनिया के गैरतमंद शायर

साहिर लुधियानवी एक तरक्की पसंद शायर थे और अपनी गजलों, नज्मों से पूरे मुल्क में उन्हें खूब शोहरत मिली। अवाम का ढेर सारा प्यार मिला। साहिर साल 1949 में सपनों की नगरी मुंबई आ गए। माया नगरी में जमना उनके लिए आसान काम

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साहिर की बरबादीयों का शोर मचाना फिजुल हैं

शायर जब जिन्दा होता हैं तो वह लोगों के लिए मरा हुआ होता हैं। और जब वह मर जाता हैं तो लोगों के लिए वह जिन्दा हो जाता हैं। जो लोग उससे मुँह फेरते थें वही उसके मरने के बाद उसपर कसिदे गढते हैं

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