क्या सच में ‘मुगल हरम’ वासना का केंद्र था?

मुगल हरम हमेशा साहित्य, संस्कृति और राजनीति का केंद्र रहा है मगर सांप्रदायिक इतिहास लेखन ने मुगल हरम को एक वासना केंद्र के रुप में पेश कर उसकी पवित्रता से खिलवाड किया है

हरम की कई बेगमात ने मध्यकालीन इतिहास में

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मुघल सम्राट बाबर नें खोजी थी भारत की विशेषताएं 

बाबर कि जिंदगीयों की कुछ घटनाएं और उसने आत्मचरित्र में लिखे हुए कई तथ्यों कि गलत साबित नही किया जा सकता। वैसेही किसी एक घटना को लेकर बाबर को एक सहिष्णु उदार राज्यकर्ता के रुप में चित्रित करना भी उचित नहीं होगा। परंतु उसके …

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