..और गांधी बोले, ‘बनिया हूँ और स्वराज्य हासिल करना मेरा धंधा है’

मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की 7 अगस्त, 1942 को बैठक हुई। जिसमें भारत छोडों प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसके बाद महात्मा गांधी ने इसपर विस्तार से अपने विचार रखे। जिसमें उन्होंने कहा, सब लोगों ने इसे सोंच-समझकर स्वीकार करना हैं। उसके

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यूसुफ़ मेहरअली : भुलाये गए ‘लोकनायक’

यूसुफ़ मेहरअली का नाम शायद ही आज के पिढ़ी के नौजवानो को पता होगा, मग साधारण सी कद काठी सा दिखनेवाला यह इन्सान भारत के उन महामानवों कि सूची मे है, जिन्होंने स्वाधीनता के लिए अपने जान कि भी परवाह नही की। उनके करीबी …

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