राष्ट्रकूट राजाओं से मुग़ल, सात सुल्तानों का पसंदिदा शहर कंधार

तिहास का तआल्लूक जमाना ए माज़ी के गुजरे हुये वाकियात से हैं। माज़ी के वाकियात का इल्म हमें कैसे हुआ? इस तआल्लकूक से हमारी अक्ल सोच में पड़ जाती हैं। लेकिन आज भी बहुत सी ऐसी चिजे मौजूद हैं, जिन्हें हमारी

यहाँ क्लिक करें

दकनी सुलतानों को ‘गरीबों का दोस्त’ क्यों बुलाते थे?

ध्यकाल में दकन सांस्कृतिक केंद्र बन कर उभरा। जिसमें मुग़लों के साथ कई दकनी सल्तनतों ने इसके विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

गोलकुंडा कि कुतुबशाही और बीजापुर कि आदिलशाही तथा अहमदनगर की निजामशाही ने दकन में कई सांस्कृतिक मापदंड खडे किये। जिनमें

यहाँ क्लिक करें