आज तक मुंबई में भटकती हैं मंटो की रूह
सआदत हसन मंटो, हिंद उपमहाद्वीप के बेमिसाल अफसाना निगार थे। प्रेमचंद के बाद मंटो ही ऐसे दूसरे रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएं आज भी पाठकों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। 43 साल की छोटी सी जिन्दगानी में उन्होंने जी भरकर लिखा। गोया …
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