बेगुनाह मुसलमानों के दर्द भरी दास्तानों का दस्तावेज

किताबीयत : बाइज़्ज़त बरी

क्कीसवीं सदी की शुरुआत से ही देश के अंदर चरमपंथ की घटनाओं में अचानक इजाफ़ा हुआ और आरोपी के तौर पर लगातार मुसलमानों की गिरफ़्तारी हुई। जब भी देश के अंदर कहीं चरमपंथ की कोई घटना घटती, मुसलमानों को

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चरमपंथ ‘वैश्विक राजनैतिक एजेंडा’ कैसे बना?

बीस साल पहले 9/11, 2001 की दिल को हिला देने वाली त्रासदी, जिसमें करीब 3,000 निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके बाद अमरीकी मीडिया ने एक नया शब्द गढ़ा, ‘इस्लामिक चरमपंथ’। यह पहली बार था जब चरमपंथ और आतंकवादियों को किसी धर्म से जोड़ा

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