अमर शेख कैसे बने प्रतिरोध की बुलंद आवाज?

मर शेख एक आंदोलनकारी लोक शाहीर थे। वे जन आंदोलनों की उपज थे। यही वजह है कि अपनी जिन्दगी के आखिरी समय तक वे आंदोलनकारी रहे। देश की आजादी के साथ-साथ ‘संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन’ और ‘गोवा मुक्ति आंदोलन’ में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। …

यहाँ क्लिक करें

अन्नाभाऊ ने आम लोगों को संस्कृति से जोडा था

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, फासीवादी हिटलर ने सोवियत रूस पर आक्रमण किया। लाल सेना ने हिटलर के फासिवाद के खिलाफ जोरदार संघर्ष किया। इस सबका बख़ान करनेवाला एक पोवाडा अन्नाभाऊ नें 1942 में लिखा। जिसे काफी लोकप्रियता मिली। मुंबई में मज़दूर आंदोलनों

यहाँ क्लिक करें