‘कशकोल’ : उर्दू अदब को चाहने वालों के लिए नायाब तोहफा

किताबीयत : कशकोल

बीते साल आई किताब दास्तान-ए-मुग़ल-ए-आज़मकी चर्चा अभी थमी नहीं है कि वरिष्ठ लेखक, पत्रकार और हिंदी सिनेमा के गहन अध्येता राजकुमार केसवानी की एक और शानदार किताब कशकोलआ गई है। किताब की टैगलाइन

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‘दास्ताने मुग़ल-ए-आज़म’ सुनने का एक और आसिफ़

किताबीयत : दास्ताने मुग़ल-ए-आज़म

मुग़ल-ए-आज़म में दो मुग़ल-ए-आज़म थे। बादशाह अकबर और करीमउद्दीन आसिफ़। जिन्हें दुनिया के आसिफ़ के नाम से जानती है। आसिफ़ को अपने सपनों से ही प्यार नहीं था, अपने वतन से भी था।

आसिफ़ के सपने एक नए मुल्क के

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