जब निजामुद्दीन की बासी रोटी के लिए ख़ुसरो ने छोड़ा शाही दस्तरख़ान

जरत अमीर ख़ुसरो के दौर का एक वाकया है, मंगोलों ने अचानक देहली पर हमला बोल दिया। अलाउद्दीन खिलजी की फ़ौज ने खूब डटकर सामना किया। मंगोलों को आखिरकार मुंह की खानी पड़ी। कुछ तो अपनी जान बचा कर भागने में कामयाब हुए तो

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सूफी-संत मानते थे राम-कृष्ण को ईश्वर का ‘पैगम्बर’

भारत के सांझी विरासत को सहजने में सूफी-संतो का बड़ा योगदान रहा हैं। वे हिन्दू और मुस्लिम जनता दोनो के करीब थे। हजारो कि संख्या में लोग उनके पास आते थे। सूफी ‘वहादत अल वजूद’ (जीव कि एकता) के सिद्धान्त मे यकिन करते थे। …

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