ब्रिटिशों के खिलाफ मौलाना आज़ाद का ‘भारत छोड़ो प्रस्ताव’ क्या था?

कार्य समिति के प्रस्ताव (भारत छोड़ो) के प्रकाशित होते ही सारे देश में बिजली की लहर सी दौड़ गई। लोग यह भी न सोच पाये कि इस प्रस्ताव में क्या-क्या बातें निहित हैं, परंतु उन्होंने यह महसूस किया कि काँग्रेस अंग्रेजों को भारत से

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..और गांधी बोले, ‘बनिया हूँ और स्वराज्य हासिल करना मेरा धंधा है’

मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की 7 अगस्त, 1942 को बैठक हुई। जिसमें भारत छोडों प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसके बाद महात्मा गांधी ने इसपर विस्तार से अपने विचार रखे। जिसमें उन्होंने कहा, सब लोगों ने इसे सोंच-समझकर स्वीकार करना हैं। उसके

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