‘मलियाना नरसंहार’ की कहानी चश्मदीदों की जुबानी

लियाना के रहने वाले पत्रकार सलीम अख्तर सिद्दिकी बताते हैं, 23 मई 1987 को लगभग दोपहर बारह बजे से पुलिस और पीएसी ने मलियाना की मुस्लिम आबादी को चारों ओर से घेरना शुरु किया। यह घेरे बंदी लगभग ढाई बजे खत्म हुई। पूरे

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तीस साल गुजरे आखिर ‘मलियाना हत्याकांड’ में न्याय कब होगा?

पिछले 19 अप्रैल 2021 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि 34 वर्ष पहले मेरठ के मलियाना गांव और मेरठ तथा फतेहगढ़ जेल में हुई उन हत्याओं की जाँच नए सिरे से एक

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