साहिर की बरबादीयों का शोर मचाना फिजुल हैं

शायर जब जिन्दा होता हैं तो वह लोगों के लिए मरा हुआ होता हैं। और जब वह मर जाता हैं तो लोगों के लिए वह जिन्दा हो जाता हैं। जो लोग उससे मुँह फेरते थें वही उसके मरने के बाद उसपर कसिदे गढते हैं

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