एहसान दानिश की पहचान ‘शायर-ए-मजदूर’ कैसे बनी?
उर्दू अदब में एहसान दानिश की पहचान, ‘शायर-ए-मजदूर’ के तौर पर है। मजदूरों के उन्वान से उन्होंने अनेक गजलें, नज्में लिखीं। वे एक अवामी शायर थे। किसानों, कामगारों के बीच जब दानिश अपना कलाम पढ़ते थे, तो एक …
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