शब्दों से जिन्दगी का फलसफा बताने वाले ‘नीरज’

गोपाल दास नीरजउस कवि संमेलन परंरा के आखिरी वारिस थे, जिन्हें सुनने और पढ़ते हुए देखने के लिए हजारों श्रोता रात-रात भर बैठे रहते थे। उनकी रचनाओं में गीतों का माधुर्य और जीवन का संदेश एक

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