कुतूबशाही और आदिलशाही में मर्सिए का चलन

रबला के शहिदों की याद में मर्सिए (शोक गीत) लिखने का रिवाज सदियों से चला आ रहा है। मध्यकालीन भारत में लिखे कई मर्सिए आज भी मौजूद हैं। मध्यकाल से ही दकनी जुबान और अदब का मर्सिए एक अहम हिस्सा हैं। दकनी के साथ

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