शमीम हनफ़ी के साथ ‘महफ़िल ए उर्दू’ की रौनक़ चली गई

प्रोफेसर शमीम हनफ़ी, उर्दू अदब की आबरू थे। उर्दू अदब के वे जैसे इनसाइक्लोपीडिया थे। उर्दू अदब की तारीख और अहम शख़्सियतों के बारे में उन्हें मुंह जबानी याद था। पूछने भर की देर होती और उनके अंदर से अनेक किस्से बाहर निकलकर

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