कभी किसी के शागिर्द नहीं बने उस्ताद ग़ालिब

ज से 207 साल पहले की आगरा की धरती पर जन्म लिया था उस शख्स ने। उस जैसा आज तक कोई दूसरा नहीं हुआ और आगे शायद ही हो। वह बचपन से ही कोई आम शख्स नहीं था। उसे तो जैसे ईश्वर ने बड़ी

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खुमार बाराबंकवी : लफ्जों में खुमार देने वाले शायर

खुमार बाराबंकवी का शुमार मुल्क के उन आलातरीन शायरों में होता है, जिनकी शानदार शायरी का खुमार एक लंबे अरसे के बाद भी उतारे नहीं उतरता है। एक दौर था जब खुमार की शायरी का नशा, उनके चाहने वालों के सर चढ़कर

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