अपनों की गद्दारी के चलते शहीद हुए तात्या टोपे

ज़ादी के पहले मुक्ति संग्राम 1857 में यूं तो मुल्क के हजारों लोगों ने हिस्सेदारी की और अपनी जान को कुर्बान कर, इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए। लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं, जिनकी बहादुरी के किस्से आज भी फिजा

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