दकन के महाकवि सिराज औरंगाबादी

सिकंदर अली वज्द और वली दकनी के बाद सिराज औरंगाबादीमध्यकाल के तिसरे ऐसे बडे कवि थे, जिन्होंने दकनी भाषा को काव्य के लिए चुना था। उनका जन्म ईसवी 1712 में औरंगाबाद में हुआ। उनका मूल नाम सय्यद सिराजुद्दीन नाम था

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