रजिया सुलताना, शेरशाह और जायसी को डॉ. लोहिया बाप मानते थें

राम मनोहर लोहिया हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रवर्तक के रूप में जाने जाते हैं। हिन्दू-मुसलमानों के सांप्रदायिकता पर उन्होंने 3 अक्तूबर 1963 को हैदराबाद में एक लंबा भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने इस मसले का हल बताया था। आज डॉ. लोहिया कि पुण्यतिथि के अवसर पर …

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