शिबली नोमानी कैसे बने ‘शम्स उल उलेमा’?

क नौज़वान आज़मगढ़ से लाहौर के लिए निकला। उसके जेब में केवल 25 रुपये थे। आज़मगढ़ से जौनपुर तक उसने घोडागाड़ी कि यात्रा की जिसमें 3 रुपये खर्च हो गए। जौनपुर से रेल के जरिए वह सहारनपुर पहुंचा, जिसमें 7 रुपये लगे। सहारनपुर

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