राही मासूम रजा : उर्दू फरोग करने देवनागरी अपनाने के सलाहकार

पनी नज्म-शायरी और बेश्तर लेखन से सांप्रदायिकता और फिरकापरस्तों पर तंज वार करने वाले, राही मासूम रज़ा का जुदा अंदाज़ इस नज्म की चंद लाइनें पढ़कर सहज ही लगाया जा सकता है। 1 सितंबर, 1927 को गाजीपुर के छोटे से गांव गंगोली

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