पाकिस्तानी में ट्रेन का सफ़र और जासूस होने का डर
सन 2011 में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के जन्म शताब्दी समारोह में पाकिस्तान जाना हुआ था। लौटकर मैंने 40 दिन की सघन यात्रा पर एक किताब लिखी थी जो रवींद्र कालिया ने ‘ज्ञानोदय’ में छापी थी और उसे ज्ञानपीठ ने किताब की शक्ल …
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