मुग़ल और सिक्खों का टकराव ‘धर्म’ नहीं बल्कि ‘सत्ता संघर्ष’ से था !

पिछले हफ्ते 1 मई को नौवें सिख गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती थी। गुरुजी का सिख पंथ को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने अपने सिद्धान्तों की खातिर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। वैसे गुरू नानकजी द्वारा स्थापित सिख धर्म,

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