जिन्दगी को करीब लाती हैं भीष्म साहनी की कहानियाँ

प्रगतिशील और प्रतिबद्ध रचनाकार भीष्म साहनी को याद करना, हिन्दी की एक शानदार और पायदार परम्परा को याद करना है। वे एक अच्छे रचनाकार के अलावा कुशल संगठनकर्ता भी थे। प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव के तौर पर उन्होंने देश भर में इस संगठन

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मर्दवादी सोच के खिलाफ ‘अंगारे’ थी रशीद ज़हां

डॉ. रशीद ज़हां, तरक्कीपसंद तहरीक का वह उजला, चमकता और सुनहरा नाम है, जो अपनी 47 साल की छोटी सी जिन्दगानी में एक साथ कई मोर्चों पर सक्रिय रहीं।

उनकी कई पहचान थीं मसलन अफसानानिगार, नाटककार, पत्रकार, डॉक्टर

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