सूर और ताल की सौगात पेश करने वाले नौशाद अली

हिंदी सिनेमा की शुरुआत को हुए, एक सदी से ज्यादा गुजर गया, लेकिन कोई दूसरा नौशाद नहीं आया। नगमा-ओ-शेर की जो सौगात उन्होंने पेश की, कोई दूसरा उसे दोहरा नहीं पाया। फिल्मी दुनिया के अंदर थोड़े से ही वक्फे में नौशाद ने बड़े-बड़े नामवरों

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