नगमें और शायरी मजरूह के जीविका का साधन थी

ज से एक सदी पहले 1 अक्टूबर, 1919 को उत्तर प्रदेश, आजमगढ़ जिले के निजामाबाद गांव में जन्मे, असरार-उल हसन ख़ान यानी मजरूह सुल्तानपुरी के घरवालों और खुद उन्होंने कभी यह सपने में भी नहीं सोचा था कि आगे चलकर गीत-गजल

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